More

    *शासकीय उचित मूल्य दुकानों में अप्रैल माह से किया जाएगा फोर्टीफाइड चावल का वितरण*

    जांजगीर-चांपा/ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिले के समस्त शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में प्राथमिकता, अन्त्योदय व निराश्रित राशन कार्डधारियों को एक अप्रैल 2023 से फोर्टिफाइड चावल का वितरण निर्धारित पात्रतानुसार किया जाएगा। फोर्टिफाइड चावल का मतलब तकनीक के माध्यम से चावल में विटामिन व मिनरल के स्तर को बढ़ाना है। इससे आहार में पोषक तत्वों की कमी दूर होती है और लोगों के स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है। राज्य के आबादी का मुख्य आहार चावल ही है। शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से चावल का वितरण किया जा रहा है जिसे अब पोषक तत्व मिला कर फोर्टिफाइट कर वितरण किया जाएगा। यह चावल राशनकार्डधारी परिवार के लिए ऊर्जा एवं पोषण का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है जो कुपोषण से लड़ने में सहायक होगा। अब उचित मूल्य दुकानों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा जो चावल में एक प्रतिशत के अनुपात में मिला हुआ होगा। लोग इसे प्लाटिस्क चावल न समझे। यह चावल के पावडर और पोषक तत्वों के मिश्रण से निर्धारित मानक के अनुसार बनाया गया है। इसे एफ आर के चावल भी कहते है। यह चावल विटमिन बी-12. आयरन, जिंक, फोलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरे होते है। इसे सामान्य चावल की भांति ही पकाना व खाना चाहिए, परन्तु कुछ बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है। जैसे जिस पानी में इसे पकाया जाता है उस पानी को नहीं फेकना चाहिए अर्थात इसे बिन साये बनाना चाहिए। इसे सील बंद डब्बे या बोरे में रखना चाहिए। ऐसा करने से इनके पोषक तत्वों के गुणवत्ता बनी रहती है और इसके उपयोग करने वाले लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इसके उपयोग से एनीमिया व कुपोषण दूर होती है। लोगों को अफवाह से बचाना चाहिए। यह प्लास्टिक चावल नहीं है। बल्कि यह फोर्टिफाइड चावल है। इसे छांट-बिन कर अलग न फेके यहा जिस अनुपात में चावल से मिला है, उसे मिलाकर रहने दे।

    Trending News

    Technology

    जांजगीर-चांपा/ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिले के समस्त शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में प्राथमिकता, अन्त्योदय व निराश्रित राशन कार्डधारियों को एक अप्रैल 2023 से फोर्टिफाइड चावल का वितरण निर्धारित पात्रतानुसार किया जाएगा। फोर्टिफाइड चावल का मतलब तकनीक के माध्यम से चावल में विटामिन व मिनरल के स्तर को बढ़ाना है। इससे आहार में पोषक तत्वों की कमी दूर होती है और लोगों के स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है। राज्य के आबादी का मुख्य आहार चावल ही है। शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से चावल का वितरण किया जा रहा है जिसे अब पोषक तत्व मिला कर फोर्टिफाइट कर वितरण किया जाएगा। यह चावल राशनकार्डधारी परिवार के लिए ऊर्जा एवं पोषण का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है जो कुपोषण से लड़ने में सहायक होगा। अब उचित मूल्य दुकानों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा जो चावल में एक प्रतिशत के अनुपात में मिला हुआ होगा। लोग इसे प्लाटिस्क चावल न समझे। यह चावल के पावडर और पोषक तत्वों के मिश्रण से निर्धारित मानक के अनुसार बनाया गया है। इसे एफ आर के चावल भी कहते है। यह चावल विटमिन बी-12. आयरन, जिंक, फोलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरे होते है। इसे सामान्य चावल की भांति ही पकाना व खाना चाहिए, परन्तु कुछ बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है। जैसे जिस पानी में इसे पकाया जाता है उस पानी को नहीं फेकना चाहिए अर्थात इसे बिन साये बनाना चाहिए। इसे सील बंद डब्बे या बोरे में रखना चाहिए। ऐसा करने से इनके पोषक तत्वों के गुणवत्ता बनी रहती है और इसके उपयोग करने वाले लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इसके उपयोग से एनीमिया व कुपोषण दूर होती है। लोगों को अफवाह से बचाना चाहिए। यह प्लास्टिक चावल नहीं है। बल्कि यह फोर्टिफाइड चावल है। इसे छांट-बिन कर अलग न फेके यहा जिस अनुपात में चावल से मिला है, उसे मिलाकर रहने दे।