More

    *पूरे रीति रिवाजो के साथ हल्दी, तेल की रस्म निभाते हुए 5 किन्नरों ने किया विवाह। क्या है पूरा विवाह का सिलसिला जानिए हमारी विशेष रिपोर्ट में।*

    जांजगीर चांपा,,छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में एक अनोखी शादी देखने को मिली। जिले के कोसा कांसा कंचन की नगरी चांपा में पांच किन्नरों ने अपने गुरु से विवाह किया। इस विवाह में सभी रस्मो को निभाया गया। सभी किन्नरों के शरीर पर तेल, हल्दी चढ़ाया गया। उनका विवाह उनके ही किन्नर गुरु शारदा नायक से कराने की रस्म की गई। किन्नर इस विवाह में वधु की तरह साड़ी पहन हुई थी। वहीं किन्नर द्वारा वर के रूप में भी हाथ में कटार लेकर हल्दी रस्म को पूरा किया गया। सभी पांच किन्नरो ने अपने गुरु से शादी की हैं। अब वे पांचो गुरु के नाम का ही सिंदूर और शृंगार करेंगे। इस आयोजन में किन्नरों के परिजन भी शामिल हुए और शादी का आनंद लिया।

    दरअसल किन्नरों की ओर से पहली बार लोक कल्याण के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। पहले दिन रविवार को किन्नरों ने अपने आराध्य देव बहुचरा माता की पूजा की। रविवार को बहुचरा माता की पूजा अर्चना के बाद पांच किन्नर माही, ज्योति, रानी, काजल, सौम्या की शादी की रस्में निभाई गई, जिसमें बकायदा उनके परिवार के लोग भी शामिल हुए और सभी किन्नरों के शरीर पर तेल, हल्दी चढ़ाया गया। दूसरे दिन सोमवार को माता के सामने हल्दी रस्म निभाई और तीसरे दिन मंगलवार को प्रदेश भर से पहुचे किन्नरों ने कलश यात्रा निकाली थी।

    इन किन्नरों में माही ने ग्रेजुएशन तक की शिक्षा ली है। अपने इस रूप को ही अपना सहारा बना कर अन्य किन्नरों को इज्जत की जिंदगी देने के लिए प्रेरित कर रही है। माही ने बताया कि किन्नर भी मनुष्य के अंग हैं और उन्हें भी अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है, जो सभी महिला पुरुष करते हैं।

    Trending News

    Technology

    जांजगीर चांपा,,छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में एक अनोखी शादी देखने को मिली। जिले के कोसा कांसा कंचन की नगरी चांपा में पांच किन्नरों ने अपने गुरु से विवाह किया। इस विवाह में सभी रस्मो को निभाया गया। सभी किन्नरों के शरीर पर तेल, हल्दी चढ़ाया गया। उनका विवाह उनके ही किन्नर गुरु शारदा नायक से कराने की रस्म की गई। किन्नर इस विवाह में वधु की तरह साड़ी पहन हुई थी। वहीं किन्नर द्वारा वर के रूप में भी हाथ में कटार लेकर हल्दी रस्म को पूरा किया गया। सभी पांच किन्नरो ने अपने गुरु से शादी की हैं। अब वे पांचो गुरु के नाम का ही सिंदूर और शृंगार करेंगे। इस आयोजन में किन्नरों के परिजन भी शामिल हुए और शादी का आनंद लिया। दरअसल किन्नरों की ओर से पहली बार लोक कल्याण के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। पहले दिन रविवार को किन्नरों ने अपने आराध्य देव बहुचरा माता की पूजा की। रविवार को बहुचरा माता की पूजा अर्चना के बाद पांच किन्नर माही, ज्योति, रानी, काजल, सौम्या की शादी की रस्में निभाई गई, जिसमें बकायदा उनके परिवार के लोग भी शामिल हुए और सभी किन्नरों के शरीर पर तेल, हल्दी चढ़ाया गया। दूसरे दिन सोमवार को माता के सामने हल्दी रस्म निभाई और तीसरे दिन मंगलवार को प्रदेश भर से पहुचे किन्नरों ने कलश यात्रा निकाली थी। इन किन्नरों में माही ने ग्रेजुएशन तक की शिक्षा ली है। अपने इस रूप को ही अपना सहारा बना कर अन्य किन्नरों को इज्जत की जिंदगी देने के लिए प्रेरित कर रही है। माही ने बताया कि किन्नर भी मनुष्य के अंग हैं और उन्हें भी अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है, जो सभी महिला पुरुष करते हैं।