More

    *कोर्ट में चालान पेश नहीं होने पर पीड़ित रामकिशोर सिंह ठाकुर ने पुलिस अधीक्षक से की कार्यवाही की मांग,,,*

    आशीष कश्यप बिलासपुर = बिलासपुर जिले के सरकंडा अशोक नगर क्षेत्र के निवासी रामकिशोर सिंह ठाकुर पिता मनी सिंह के द्वारा 6 जनवरी 2024 को सरकंडा थाना में अपनी पत्नी के खिलाफ़ न्यायालय में फर्जी बिल प्रस्तुत करने के मामले में धारा 420 ,467,468,471 के तहत् एफ आई आर दर्ज करवाया था, 9 महीने पुरे हो गए हैं लेकिन इसके बाद भी आज दिनांक तक कोर्ट में पुलीस प्रशासन द्वारा चालान पेश नहीं किया गया है, बता दें कि पुलीस प्रशासन के द्वारा आज दिनांक तक मामले में चालान पेश नहीं किया गया है न ही कोई कार्यवाही की गई है, पुलीस प्रशासन के द्वारा थाने का चक्कर यह कहकर लगवाया जाता है कि कल पेश कर देंगे चालान और अगले दिन जाने पर पुनः कल आने वाली बात कहकर घुमा दिया जाता है, बरहाल इस पुरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह से की गई है, अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले में चालान पेश करने की कार्यवाही कब तक होती हैं,

    चालान पेश नहीं होने पर न्याय सही समय पर नहीं मिल पा रहा = बता दें कि लगातार शिकायतों व धीमी जांच प्रक्रिया के चलते एक तो एफ आई आर दर्ज कराने में ही पसीने छूट जाते हैं, f i r नहीं होने की स्थिति में न्यायालय से आदेश जारी होने में लम्बी (परिवाद) प्रक्रिया में समय लग जाता है, इतने लम्बे अंतराल के बाद यदि चालान पेश करने में ही एक साल लग गया तो व्यक्ति की जीवन का एक बहुत बड़ा भाग कोर्ट कचहरी के चक्कर में गुजर जाता है, शासन को अतरिक्त बल बढ़ाकर कार्य को दुरुस्त करना चाहिए,

    सालो बीत गए नहीं मिला न्याय = बता दें कि दहेज प्रताड़ना घरेलू हिंसा भरण पोषण जैसे प्रकरणों में एक लम्बी समयावधि (दस साल/दशक) बीत जाने के बाद भी पीड़ित पक्षों को न्याय नहीं मिल पाता है , न्याय नहीं मिलने के कारण केवल दो लोग ही नहीं बल्कि पूरा परिवार का भविष्य अंधकारमय हो जाता है,

    Trending News

    Technology

    आशीष कश्यप बिलासपुर = बिलासपुर जिले के सरकंडा अशोक नगर क्षेत्र के निवासी रामकिशोर सिंह ठाकुर पिता मनी सिंह के द्वारा 6 जनवरी 2024 को सरकंडा थाना में अपनी पत्नी के खिलाफ़ न्यायालय में फर्जी बिल प्रस्तुत करने के मामले में धारा 420 ,467,468,471 के तहत् एफ आई आर दर्ज करवाया था, 9 महीने पुरे हो गए हैं लेकिन इसके बाद भी आज दिनांक तक कोर्ट में पुलीस प्रशासन द्वारा चालान पेश नहीं किया गया है, बता दें कि पुलीस प्रशासन के द्वारा आज दिनांक तक मामले में चालान पेश नहीं किया गया है न ही कोई कार्यवाही की गई है, पुलीस प्रशासन के द्वारा थाने का चक्कर यह कहकर लगवाया जाता है कि कल पेश कर देंगे चालान और अगले दिन जाने पर पुनः कल आने वाली बात कहकर घुमा दिया जाता है, बरहाल इस पुरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह से की गई है, अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले में चालान पेश करने की कार्यवाही कब तक होती हैं, चालान पेश नहीं होने पर न्याय सही समय पर नहीं मिल पा रहा = बता दें कि लगातार शिकायतों व धीमी जांच प्रक्रिया के चलते एक तो एफ आई आर दर्ज कराने में ही पसीने छूट जाते हैं, f i r नहीं होने की स्थिति में न्यायालय से आदेश जारी होने में लम्बी (परिवाद) प्रक्रिया में समय लग जाता है, इतने लम्बे अंतराल के बाद यदि चालान पेश करने में ही एक साल लग गया तो व्यक्ति की जीवन का एक बहुत बड़ा भाग कोर्ट कचहरी के चक्कर में गुजर जाता है, शासन को अतरिक्त बल बढ़ाकर कार्य को दुरुस्त करना चाहिए, सालो बीत गए नहीं मिला न्याय = बता दें कि दहेज प्रताड़ना घरेलू हिंसा भरण पोषण जैसे प्रकरणों में एक लम्बी समयावधि (दस साल/दशक) बीत जाने के बाद भी पीड़ित पक्षों को न्याय नहीं मिल पाता है , न्याय नहीं मिलने के कारण केवल दो लोग ही नहीं बल्कि पूरा परिवार का भविष्य अंधकारमय हो जाता है,