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    *शिक्षा से हम बेहतर भविष्य के लिए होते हैं तैयार – कलेक्टर*

    *कलेक्टर ने शाला त्यागी बच्चों से की मुलाकात कर स्कूल जाने किया प्रेरित*

    तिजराम साहू ब्युरो मुंगेली // जिले के शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित की गई। जिला कलेक्टोरेट स्थित जनदर्शन कक्ष में कलेक्टर श्री राहुल देव ने जिले के शाला त्यागी बच्चों से मुलाकात कर सहानुभूतिपूर्ण ढंग से बातचीत की। उन्होंने सभी बच्चों को चॉकलेट एवं उपहार देकर स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जिससे हमें ज्ञान, कौशल के साथ ही सोचने, समझने, अभिव्यक्ति करने और संवाद करने की क्षमता मिलती है। हम बेहतर भविष्य के लिए तैयार होते हैं। हमें समाज में मान-सम्मान मिलता है। कलेक्टर ने व्यक्तिगत रूप से छात्रों से संवाद कर स्कूल नहीं जा पाने का कारण जानने का प्रयास किया।
    कलेक्टर ने प्रधानपाठकों को निर्देशित किया कि ऐसे छात्रों के पालकों की सूची तैयार करें, जिनके पालक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं, ताकि संबंधित छात्रों को पुनः स्कूल भेजने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जा सके। उन्होंने विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष आवश्यकता वाले स्कूलों में दाखिला दिलाने के निर्देश दिए। सभी शाला त्यागी छात्रों को विद्यालय तक पहुंचाने और नियमित रूप से उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु एक कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यशाला के संचालन के लिए एडीपीओ समग्र शिक्षा श्री अजय नाथ, शाला त्यागी छात्रों के नोडल सहायक परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा श्री आकाश परिहार और तीनों खण्ड स्त्रोत समन्वयक निर्देशित किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी श्री सी. के. घृतलहरे ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले के सभी शाला त्यागी छात्र पुनः स्कूल जाएं और नियमित रूप से अपनी शिक्षा प्राप्त करें। इस अवसर पर संबंधित विभाग के अधिकारी और संबंधित स्कूलों के प्रधानपाठक मौजूद रहे।

     

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    *कलेक्टर ने शाला त्यागी बच्चों से की मुलाकात कर स्कूल जाने किया प्रेरित* तिजराम साहू ब्युरो मुंगेली // जिले के शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित की गई। जिला कलेक्टोरेट स्थित जनदर्शन कक्ष में कलेक्टर श्री राहुल देव ने जिले के शाला त्यागी बच्चों से मुलाकात कर सहानुभूतिपूर्ण ढंग से बातचीत की। उन्होंने सभी बच्चों को चॉकलेट एवं उपहार देकर स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जिससे हमें ज्ञान, कौशल के साथ ही सोचने, समझने, अभिव्यक्ति करने और संवाद करने की क्षमता मिलती है। हम बेहतर भविष्य के लिए तैयार होते हैं। हमें समाज में मान-सम्मान मिलता है। कलेक्टर ने व्यक्तिगत रूप से छात्रों से संवाद कर स्कूल नहीं जा पाने का कारण जानने का प्रयास किया। कलेक्टर ने प्रधानपाठकों को निर्देशित किया कि ऐसे छात्रों के पालकों की सूची तैयार करें, जिनके पालक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं, ताकि संबंधित छात्रों को पुनः स्कूल भेजने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जा सके। उन्होंने विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष आवश्यकता वाले स्कूलों में दाखिला दिलाने के निर्देश दिए। सभी शाला त्यागी छात्रों को विद्यालय तक पहुंचाने और नियमित रूप से उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु एक कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यशाला के संचालन के लिए एडीपीओ समग्र शिक्षा श्री अजय नाथ, शाला त्यागी छात्रों के नोडल सहायक परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा श्री आकाश परिहार और तीनों खण्ड स्त्रोत समन्वयक निर्देशित किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी श्री सी. के. घृतलहरे ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले के सभी शाला त्यागी छात्र पुनः स्कूल जाएं और नियमित रूप से अपनी शिक्षा प्राप्त करें। इस अवसर पर संबंधित विभाग के अधिकारी और संबंधित स्कूलों के प्रधानपाठक मौजूद रहे।