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    *जमीन दलालों के चंगुल में फंसी मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी,,,,*

    ✍️ अक्षत सिंह ठाकुर…..
    मुंगेली/नगर पालिका परिषद मुंगेली में भ्रष्टाचार व अनियमितता की लकीरें बहुत लंबी है, बात करते हैं , दोनों ही राजनीतिक पार्टी के आयाराम- गयाराम की, उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष कुर्सी हिला कर रख दिया, (लैंण्ड फाॅर वोट )का नतीजा,
    अध्यक्ष पद कुर्सी की दोनों ही राजनीतिक दलों ने जमीन दलालों पर भरोसा जताया अपने पुराने संगठन के लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था, वर्षो से दरी बिछाने वाले की कोई क़ीमत नहीं समझी,पूर्व व वर्तमान अध्यक्ष पर
    कई आरोप भी लगे है सरकारी जमीन कब्जाने का मामला, नाली घोटाले में जेल तक कि हवा खानी पड़ी,एक के ऊपर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनने का मामला है अभी भी कई मामलें है पद जाते ही आगे उजागर हो जायेगा। पद पर बैठते ही अपने परिवार के अवैध कालोनी में रोड, नाली ,पेयजल व्यवस्था कराने में नहीं चुके,वहीं एक ने नगर पालिका में लाइसेंसधारी कालोनाइजर ( उक्त उसी जमीन के लिए )वैध कालोनी( उनके अनुसार )में गरीबों के लिए सुरक्षित (ews)जमीन को उस समय के तात्कालीन सीएमओ के साथ मिलकर उक्त जमीन बेच दिया.
    एक ने अपने दुकान का समान बेचने के लिए अपने ही कर्मचारियों को निविदा में शामिल कराकर बिना दुकान के , गुमास्ता लाईसेंस के सहारे से फर्जीवाड़ा किया। अपने व अपने पार्टनरों के अवैध कालोनियों में अनापत्ति प्रमाणपत्र, बनावाने का सिलसिला चलता रहा।अब कानूनी दांव पेंच का सहारे से अध्यक्ष पद कि कुर्सी अपने प्रतिष्ठा बचाने का जुगत लगा रहे हैं। अब लगता है कि
    आगे आने वाले नगर पालिका चुनाव में जमीन दलालों जैसे जनप्रतिनिधि का सुपाड़ा साफ हो जायेगा।

    अब देखना यह है कि आगे आने वाले नगर पालिका चुनाव में पार्टियां इन जमीन दलालों को पैसे लेकर टिकट देती है कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भरोसा दिखाती है ।

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    ✍️ अक्षत सिंह ठाकुर..... मुंगेली/नगर पालिका परिषद मुंगेली में भ्रष्टाचार व अनियमितता की लकीरें बहुत लंबी है, बात करते हैं , दोनों ही राजनीतिक पार्टी के आयाराम- गयाराम की, उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष कुर्सी हिला कर रख दिया, (लैंण्ड फाॅर वोट )का नतीजा, अध्यक्ष पद कुर्सी की दोनों ही राजनीतिक दलों ने जमीन दलालों पर भरोसा जताया अपने पुराने संगठन के लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था, वर्षो से दरी बिछाने वाले की कोई क़ीमत नहीं समझी,पूर्व व वर्तमान अध्यक्ष पर कई आरोप भी लगे है सरकारी जमीन कब्जाने का मामला, नाली घोटाले में जेल तक कि हवा खानी पड़ी,एक के ऊपर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनने का मामला है अभी भी कई मामलें है पद जाते ही आगे उजागर हो जायेगा। पद पर बैठते ही अपने परिवार के अवैध कालोनी में रोड, नाली ,पेयजल व्यवस्था कराने में नहीं चुके,वहीं एक ने नगर पालिका में लाइसेंसधारी कालोनाइजर ( उक्त उसी जमीन के लिए )वैध कालोनी( उनके अनुसार )में गरीबों के लिए सुरक्षित (ews)जमीन को उस समय के तात्कालीन सीएमओ के साथ मिलकर उक्त जमीन बेच दिया. एक ने अपने दुकान का समान बेचने के लिए अपने ही कर्मचारियों को निविदा में शामिल कराकर बिना दुकान के , गुमास्ता लाईसेंस के सहारे से फर्जीवाड़ा किया। अपने व अपने पार्टनरों के अवैध कालोनियों में अनापत्ति प्रमाणपत्र, बनावाने का सिलसिला चलता रहा।अब कानूनी दांव पेंच का सहारे से अध्यक्ष पद कि कुर्सी अपने प्रतिष्ठा बचाने का जुगत लगा रहे हैं। अब लगता है कि आगे आने वाले नगर पालिका चुनाव में जमीन दलालों जैसे जनप्रतिनिधि का सुपाड़ा साफ हो जायेगा। अब देखना यह है कि आगे आने वाले नगर पालिका चुनाव में पार्टियां इन जमीन दलालों को पैसे लेकर टिकट देती है कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भरोसा दिखाती है ।