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    *तिलहन आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र मुंगेली द्वारा सरसों का फसल प्रदर्शन*

    तिजराम साहू ब्यूरो मुंगेली // तिलहन आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र मुंगेली द्वारा सरसों का फसल प्रदर्शन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि तिलहन फसलों का रकबा, उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा एक महत्वाकांक्षी परियोजना तिलहन आदर्श ग्राम प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के द्वारा लगातार तीन वर्षाें तक फसल प्रदर्शन लिया जाना है। इस योजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र मुंगेली को वित्तीय वर्ष 2024-25 मे सरसों का फसल प्रदर्शन प्राप्त हुआ है, जिसमें पथरिया विकासखंड के ग्राम सावतपुर, चंदखुरी एवं मदवानी का चयन प्रदर्शन के लिए किया गया है। योजना के दिशा-निर्देश अनुसार उन्नत किस्म का बीज डीआरएमआर 150-35 का चयन कर कृषकों को वितरण किया गया।
    प्रदर्शनी के दौरान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. सिंग द्वारा सरसों की खेती के लिए भूमि की तैयारी, बीज दर, बीजों को बोवाई से पूर्व जैव उर्वरक व फफूंदनाशी से बीज उपचार एवं लगाने की विधि के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। डॉ. थानेश्वर देवांगन द्वारा मिट्टी परीक्षण, फसल के खाद एवं उर्वरक प्रबंधन तथा फसल में लगने वाले किट एवं रोग संबंधी तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी श्री विनोद साहू, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।

     

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    तिजराम साहू ब्यूरो मुंगेली // तिलहन आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र मुंगेली द्वारा सरसों का फसल प्रदर्शन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि तिलहन फसलों का रकबा, उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा एक महत्वाकांक्षी परियोजना तिलहन आदर्श ग्राम प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के द्वारा लगातार तीन वर्षाें तक फसल प्रदर्शन लिया जाना है। इस योजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र मुंगेली को वित्तीय वर्ष 2024-25 मे सरसों का फसल प्रदर्शन प्राप्त हुआ है, जिसमें पथरिया विकासखंड के ग्राम सावतपुर, चंदखुरी एवं मदवानी का चयन प्रदर्शन के लिए किया गया है। योजना के दिशा-निर्देश अनुसार उन्नत किस्म का बीज डीआरएमआर 150-35 का चयन कर कृषकों को वितरण किया गया। प्रदर्शनी के दौरान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. सिंग द्वारा सरसों की खेती के लिए भूमि की तैयारी, बीज दर, बीजों को बोवाई से पूर्व जैव उर्वरक व फफूंदनाशी से बीज उपचार एवं लगाने की विधि के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। डॉ. थानेश्वर देवांगन द्वारा मिट्टी परीक्षण, फसल के खाद एवं उर्वरक प्रबंधन तथा फसल में लगने वाले किट एवं रोग संबंधी तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी श्री विनोद साहू, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।