लोरमी,,,,छत्तीसगढ़ शासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर राजीव गाँधी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय लोरमी मे उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन तथा जिला प्रशासन के आदेशानुसार सुशासन का एक वर्ष के उपलक्ष्य पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस आयोजन के तहत कार्यक्रम के संयोजक डॉ नरेंद्र सलूजा के नेतृत्व में 16 दिसंबर को वादविवाद,,17 दिसंबर को भाषण तथा रंगोली प्रतियोगिता एवं एक दिवसीय संगोष्ठी तथा 19 दिसंबर को रासेयो के संयोजक डॉ आर एस साहू के निर्देशन में स्वयंसेवकों के द्वारा नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। सुशासन पर महाविद्यालय के प्राध्यापको द्वारा विचार व्यक्त किया गया। डॉ एच एस राज ने कहा कि सुशासन का मतलब है किसी सामाजिक-राजनीतिक इकाई को इस तरह से चलाना कि वह वांछित परिणाम दे. सुशासन में कई चीज़ें शामिल होती हैं, जैसे कि: अच्छा बजट, सही प्रबंधन, कानून का शासन, सदाचार, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, सहभागिता, सर्वसम्मति आदि। डॉ आर एस साहू ने कहा कि सुशासन को मूल्यों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसके माध्यम से एक सार्वजनिक संस्था सार्वजनिक मामलों का संचालन करती है और सार्वजनिक संसाधनों का प्रबंधन इस तरह से करती है कि मानव अधिकारों, कानून के शासन और समाज की आवश्यकताओं का सम्मान हो। प्राचार्य डॉ एन के ध्रुवे ने सुशासन एवं लोकतंत्र के संबंध को स्पष्ट करते हुए कहा कि सुशासन, मानव अधिकारों के लिये सम्मान और कानून का शासन सुनिश्चित करता है तथा लोकतंत्र को मज़बूती, लोक प्रशासन में पारदर्शिता एवं सामर्थ्य को बढ़ावा देता है।सुशासन, लोकतंत्र को मज़बूत करता है. सुशासन के ज़रिए, नागरिकों को सुरक्षित और उत्पादक जीवन जीने में मदद मिलती है. । विभिन्न प्रतियोगिताओं के अंतर्गत वाद विवाद प्रतियोगिता में
रानी कश्यप , पायल वर्मा , अवधेश जायसवाल प्रशांत ललित लाठिया, नंदकिशोर संतोषी ,भाषण में
पूर्णिमा अवधेश नंदकिशोर संतोषी प्रियंका रानी पूजा मंजू श्री प्रशांत ,रंगोली में
संजना रोशनी स्नेहा रानी रिया यमुना तथा नुक्कड़ नाटक में रासेयो के स्वयंसेवक राजा कश्यप, ललित लाठिया,अमित साहू ,रिंकू जायसवाल,ओंकार राजपूत ,होती राम,आदि ने भाग लिया। इसमें स्वागत गीत तुलसी,भानुप्रिया एवं सरस्वती वंदन की पूर्णिमा ने प्रस्तुत किया।इस संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन प्रो अमित निषाद तथा डॉ गंगा गुप्ता ने किया। इस दौरान संपूर्ण कार्यक्रम में प्रो एन एस परस्ते,प्रो एस के जांगड़े, श्री पी पी लाठिया,डॉ अर्चना भास्कर,प्रो नितेश गढ़ेवाल,प्रो महेंद्र पात्रे,प्रो देवेंद्र जायसवाल, प्रो हेमा आर टंडन,प्रो विवेक साहू , श्री आर के श्रीवास्तव, श्री एन आर जायसवाल,श्री पुनेश जायसवाल, श्री गंगाराम जायसवाल,प्रो मनीष कश्यप, प्रो श्रेया श्रीवास्तव,प्रो सुषमा डहरिया,प्रो गुरुदेव निषाद,श्रीमती सुषमा उपाध्याय ,श्री मुकेश यादव,श्री अनुराग श्रीवास,श्री शिव यादव,नरेंद्र ध्रुव ,सुबुद्धि यादव,श्री जितेंद्र दुबे सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे।