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    *सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अकलतरा बना रेफर सेंटर*

    मनोज साहू ब्यूरो जांजगीर चांपा:-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अकलतरा सर्दी खांसी बुखार के अलावा कोई ईलाज नही हो रहा है। निजी अस्पताल में कमीशन पाने के लिए मरीज से दुर्व्यवहार कर रेफर किया जाता है। गरीब मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करने कोई कसर नही छोड़ रहे।

    सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अकलतरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ प्रमोद चन्द्रा के द्वारा गरीब मरीजों को निजी अस्पताल में कमीशन कमाने के लिए पहले डराया जाता है उसके बाद उनसे दुर्व्यवहार कर सरकारी अस्पताल में इलाज न करते हुए निजी क्लीनिक में भेजते हैं और खूब पैसा कमाते हैं। सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल ले जाते तक मरीज मर जाता है इसके जिम्मेदार कौन रहेगा यह सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह है। सरकार एक तरफ जितने भी सरकारी डॉक्टर है उनके निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगा रही है वही कमीशनखोर डॉक्टरों के द्वारा मोटी रकम कमाने निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से रेफर किया जा रहा है। सरकार उन्हें तनख्वाह लाखों रुपए देती है फिर भी इनको कमिशन कमाने गरीबों के जान से खिलवाड़ करते हैं
    गौरतलब है कि सरकारी हॉस्पिटल में सफाई के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए का बिल पास कराया जाता है परंतु बावजूद सफाई के नाम पर कलंक साबित हो रहा है। तरीका के साथ सफाई व्यवस्था ही नहीं है और वहीं पर निजी क्लीनिक अथवा अस्पतालों को देखा जाए तो निजी क्लीनिक पूर्णता साफ सफाई में रहता अच्छा रहता है। खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी सफाई की व्यवस्था पर निरीक्षण करने नहीं जाते हैं सिर्फ कागजों तक ही इनके निरीक्षण कार्य चलते हैं। गरीब मरीज भटकते हुए बिलासपुर एवं अन्य स्थान में जाकर ट्रीटमेंट करवाते हैं।
    रेफर के आड़ में कमीशनखोरी की शिकायत जांच पर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी स्वाति वंदना सिसोदिया से मीडिया द्वारा बात किया गया जिस पर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी स्वाति वंदना सिसोदिया के द्वारा जांच कर उचित कारवाई करने की बात कही गई है। भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी पर अब किस प्रकार कारवाई होगी ये जनमानस को इंतजार रहेगा।

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    मनोज साहू ब्यूरो जांजगीर चांपा:-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अकलतरा सर्दी खांसी बुखार के अलावा कोई ईलाज नही हो रहा है। निजी अस्पताल में कमीशन पाने के लिए मरीज से दुर्व्यवहार कर रेफर किया जाता है। गरीब मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करने कोई कसर नही छोड़ रहे। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अकलतरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ प्रमोद चन्द्रा के द्वारा गरीब मरीजों को निजी अस्पताल में कमीशन कमाने के लिए पहले डराया जाता है उसके बाद उनसे दुर्व्यवहार कर सरकारी अस्पताल में इलाज न करते हुए निजी क्लीनिक में भेजते हैं और खूब पैसा कमाते हैं। सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल ले जाते तक मरीज मर जाता है इसके जिम्मेदार कौन रहेगा यह सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह है। सरकार एक तरफ जितने भी सरकारी डॉक्टर है उनके निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगा रही है वही कमीशनखोर डॉक्टरों के द्वारा मोटी रकम कमाने निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से रेफर किया जा रहा है। सरकार उन्हें तनख्वाह लाखों रुपए देती है फिर भी इनको कमिशन कमाने गरीबों के जान से खिलवाड़ करते हैं गौरतलब है कि सरकारी हॉस्पिटल में सफाई के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए का बिल पास कराया जाता है परंतु बावजूद सफाई के नाम पर कलंक साबित हो रहा है। तरीका के साथ सफाई व्यवस्था ही नहीं है और वहीं पर निजी क्लीनिक अथवा अस्पतालों को देखा जाए तो निजी क्लीनिक पूर्णता साफ सफाई में रहता अच्छा रहता है। खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी सफाई की व्यवस्था पर निरीक्षण करने नहीं जाते हैं सिर्फ कागजों तक ही इनके निरीक्षण कार्य चलते हैं। गरीब मरीज भटकते हुए बिलासपुर एवं अन्य स्थान में जाकर ट्रीटमेंट करवाते हैं। रेफर के आड़ में कमीशनखोरी की शिकायत जांच पर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी स्वाति वंदना सिसोदिया से मीडिया द्वारा बात किया गया जिस पर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी स्वाति वंदना सिसोदिया के द्वारा जांच कर उचित कारवाई करने की बात कही गई है। भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी पर अब किस प्रकार कारवाई होगी ये जनमानस को इंतजार रहेगा।