मुंगेली // राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना पशुपालक किसानों एवं स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन चुका है। इससे पशुपालक किसान व समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। वहीं इस योजना के शुरू होने से किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना के तहत 02 प्रति किलोग्राम की दर से 278 सक्रिय गौठानों में गोबर विक्रय करने के लिए जिले में 16 हजार 378 पशुपालकों ने अपना पंजीयन कराया है। वहीं इन पशुपालकों द्वारा योजना के प्रारंभ से अब तक 303033.88 क्विंटल गोबर का विक्रय किया गया है। जिसके एवज में पशुपालकों को 06 करोड़ 06 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह गौठानों में महिला स्वसहायता समूह के द्वारा अब तक
55428.07 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। जिसके एवज में स्वसहायता समूह की महिलाओं को 12953013.45 रूपए तथा गौठान समिति को 20036670.12 रूपए का भुगतान किया गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन ने जैविक खेती को बढ़ावा देने, रोजगार के नए अवसर पैदा करने, पशुपालन और पशु संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभान्वित करने के लिए 20 जुलाई 2020 को इसकी शुरूआत की थी। योजना के तहत सरकार किसानों और पशुपालकों से 02 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गाय का गोबर खरीदी करती है। महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा गोबर को वर्मीकम्पोस्ट और अन्य उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है, जिसे किसानों को जैविक खाद के रूप में 10 रूपए प्रति किलोग्राम में बेचा जाता है, इस योजना का एक उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को भी कम करना है।