*2015 का सपना था जो स्मार्ट सिटी मिशन वह आज एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन *

*स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा करने खट्टर और तोखन की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल बैठक*

*स्मार्ट सिटीज़ मिशन की प्रगति
और विशेष प्रयोजन वाहन (SPVs) के भविष्य पर हुआ मंथन*

आशीष कश्यप ब्यूरो बिलासपुर। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री राज्यमंत्री तोखन साहू ने केबिनेट मंत्री मनोहर लाल के साथ सोमवार को स्मार्ट सिटीज़ मिशन और शहरी विकास में विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) की भूमिका पर एक हाईलेवल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई जिसमें देशभर के शहर अधिकारियों एवं राज्य प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के पहले चरण की मियाद पूरी होने के बाद इस बैठक को आयोजित किया गया जिसमें स्मार्ट सिटी मिशन की आगामी कार्ययोजना पर भी विचार हुआ साथ ही अब तक किए गए कामों का रिव्यू और फीडबैक लिया गया।

अपने संबोधन में केंद्रीय राज्यमंत्री साहू ने कहा “हम स्मार्ट सिटीज़ मिशन की सफल पूर्णता के ऐतिहासिक पड़ाव पर एकत्र हुए हैं। ये मिशन 2015 में एक सपना था और आज एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन चुका है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भारत के शहरी परिदृश्य को पुनः परिभाषित कर रहा है। उन्होंने मिशन की अभूतपूर्व उपलब्धियों को भी गिनाया।

ये हैं स्मार्ट सिटी मिशन के महत्वपूर्ण पड़ाव :

● 100 स्मार्ट सिटीज़ में कुल 7,545 परियोजनाएँ पूर्ण — कुल लागत ₹1.51 लाख करोड़।

● कुल आवंटित निधि का 96% उपयोग — वित्तीय अनुशासन और प्रभावी निष्पादन का प्रमाण।

● केंद्रीय अनुदानों का 99% वितरण — 88 शहरों को 100% वित्त पोषण प्राप्त।

● स्मार्ट शासन, गतिशीलता, WASH (जल, स्वच्छता और स्वच्छता), और सतत सार्वजनिक स्थानों में परिवर्तनकारी प्रभाव।

*परियोजना के 7 फीसदी बचे कामों को पूरा करने पर भी चर्चा*

केंद्रीय मंत्री खट्टर और तोखन दोनों ने मिशन की उपलब्धियों की सराहना करते हुए इसके अगले चरणों को रेखांकित किया, जिसमें शेष 522 परियोजनाओं (कुल कार्यक्षेत्र का अंतिम 7%) की समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करना शामिल है। उन्होंने सृजित परिसंपत्तियों के सतत संचालन और रख-रखाव (O&M) की आवश्यकता पर बल दिया, साथ ही यह सुनिश्चित करने की अपील की कि एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र (ICCCs) शहरी शासन के स्थायी मंच बन सकें।

श्री साहू ने कहा, “स्मार्ट सिटीज़ मिशन कभी केवल अवसंरचना के बारे में नहीं था। यह शहरी स्थानों को पुनः परिभाषित करने, शहरी शासन को सशक्त करने और सबसे महत्वपूर्ण — लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के बारे में था। मिशन औपचारिक रूप से भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन बेहतर और समृद्ध शहरों के निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पहले से कहीं अधिक मजबूत है।”

उन्होंने नवाचारी, सतत वित्तीय मॉडल के विकास और वित्तीय बंद की उपलब्धि की आवश्यकता को रेखांकित किया, तथा आने वाले वर्षों में शहरी परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए विशेष उद्देश्य वाहनों (SPV) को दीर्घकालिक संस्थागत स्तंभ के रूप में स्थापित करने की दिशा में ज़ोर दिया।

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*स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा करने खट्टर और तोखन की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल बैठक* *स्मार्ट सिटीज़ मिशन की प्रगति और विशेष प्रयोजन वाहन (SPVs) के भविष्य पर हुआ मंथन* आशीष कश्यप ब्यूरो बिलासपुर। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री राज्यमंत्री तोखन साहू ने केबिनेट मंत्री मनोहर लाल के साथ सोमवार को स्मार्ट सिटीज़ मिशन और शहरी विकास में विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) की भूमिका पर एक हाईलेवल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई जिसमें देशभर के शहर अधिकारियों एवं राज्य प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के पहले चरण की मियाद पूरी होने के बाद इस बैठक को आयोजित किया गया जिसमें स्मार्ट सिटी मिशन की आगामी कार्ययोजना पर भी विचार हुआ साथ ही अब तक किए गए कामों का रिव्यू और फीडबैक लिया गया। अपने संबोधन में केंद्रीय राज्यमंत्री साहू ने कहा “हम स्मार्ट सिटीज़ मिशन की सफल पूर्णता के ऐतिहासिक पड़ाव पर एकत्र हुए हैं। ये मिशन 2015 में एक सपना था और आज एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन चुका है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भारत के शहरी परिदृश्य को पुनः परिभाषित कर रहा है। उन्होंने मिशन की अभूतपूर्व उपलब्धियों को भी गिनाया। ये हैं स्मार्ट सिटी मिशन के महत्वपूर्ण पड़ाव : ● 100 स्मार्ट सिटीज़ में कुल 7,545 परियोजनाएँ पूर्ण — कुल लागत ₹1.51 लाख करोड़। ● कुल आवंटित निधि का 96% उपयोग — वित्तीय अनुशासन और प्रभावी निष्पादन का प्रमाण। ● केंद्रीय अनुदानों का 99% वितरण — 88 शहरों को 100% वित्त पोषण प्राप्त। ● स्मार्ट शासन, गतिशीलता, WASH (जल, स्वच्छता और स्वच्छता), और सतत सार्वजनिक स्थानों में परिवर्तनकारी प्रभाव। *परियोजना के 7 फीसदी बचे कामों को पूरा करने पर भी चर्चा* केंद्रीय मंत्री खट्टर और तोखन दोनों ने मिशन की उपलब्धियों की सराहना करते हुए इसके अगले चरणों को रेखांकित किया, जिसमें शेष 522 परियोजनाओं (कुल कार्यक्षेत्र का अंतिम 7%) की समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करना शामिल है। उन्होंने सृजित परिसंपत्तियों के सतत संचालन और रख-रखाव (O&M) की आवश्यकता पर बल दिया, साथ ही यह सुनिश्चित करने की अपील की कि एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र (ICCCs) शहरी शासन के स्थायी मंच बन सकें। श्री साहू ने कहा, “स्मार्ट सिटीज़ मिशन कभी केवल अवसंरचना के बारे में नहीं था। यह शहरी स्थानों को पुनः परिभाषित करने, शहरी शासन को सशक्त करने और सबसे महत्वपूर्ण — लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के बारे में था। मिशन औपचारिक रूप से भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन बेहतर और समृद्ध शहरों के निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पहले से कहीं अधिक मजबूत है।” उन्होंने नवाचारी, सतत वित्तीय मॉडल के विकास और वित्तीय बंद की उपलब्धि की आवश्यकता को रेखांकित किया, तथा आने वाले वर्षों में शहरी परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए विशेष उद्देश्य वाहनों (SPV) को दीर्घकालिक संस्थागत स्तंभ के रूप में स्थापित करने की दिशा में ज़ोर दिया।