रायपुर,,सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ इन दिनों आर -पार के मूड में नजर आ रहा है। 31 मई को प्रस्तावित रथयात्रा को लेकर प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में अभूतपूर्व उत्साह दिखाई दे रहा है। उल्लेखनीय है कि सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के तत्वाधान में पूरे प्रदेश के 45 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी विभन्न जिला में 16 तारीख को अपने नियमितीकरण की रथ यात्रा को पूरा करवाने के उद्देश्य से पद यात्रा पर है नियमितिकरण हेतु माननीय कलेक्टर महोदय को माननीय मुख्य मंत्री के नाम से ज्ञापन सौपेंगे तथा सरकार बनने पर 10 दिन के भीतर नियमितीकरण का वादा याद दिलाया जाएगा।
सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी जी -जान झोंक रहे हैं। अनुमानित रूप से इस रथ यात्रा में 1000 से 1200 संविदा कर्मचारी शामिल होंगे और अपने नियमितकरण के लिए रथ यात्रा करेगें
विगत कुछ समय में राजस्थान, उड़ीसा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में संविदा कर्मचारियों को नियमित किया गया है, इससे प्रदेश के संविदा कर्मचारी भी आशान्वित हैं कि चुनावी वर्ष में इनकी निर्णायक संख्या को देखते हुए सरकार इनके नियमितीकरण हेतु कोई ठोस कदम जरूर उठाएगी। वर्ष 2018 के चुनावों में इन संविदा कर्मचारियों और इनके परिजनों ने कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा मतदान किया था और कांग्रेस की बंपर जीत और स्पष्ट बहुमत लाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब चार वर्ष बीतने पर भी इनका नियमितीकरण नहीं होने से इनमें कही न कही रोष व्याप्त है और जल्द ही घोषणा के इंतजार मे है|
इस रथ यात्रा में अधिकाधिक संख्या लाने के लिए सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। महासंघ के जिला संयोजक एवम् प्रांतीय सलाहकार ताकेश्वर साहू ने आज मुंगेली के संविदा कर्मचारियों की बैठक ली,और एक -एक संविदा कर्मचारी की उपस्थिति को महत्वपूर्ण बताते हुए सबसे उपस्थिति हेतु आग्रह किया।पिछले 3 दिनों मे सभी ब्लाकों की भौतिक बैठक आयोजित कर एक एक संविदा कर्मचारी को एकजुट किया जा रहा है|
श्री अमित दुबे सह संयोजक,एनएचएम के जिला अध्यक्ष श्री लव सिंह ठाकुर ने बताया कि अब 2023 के चुनावों में 6 माह से भी कम समय बचा है, इसलिए महासंघ ने ठाना है कि अब नहीं तो कब इसके लिए हमें जिस स्तर तक जाना पड़े हम जाएंगे।
सचिव श्री अजय सिंह क्षत्रिय,महिला विंग श्रीमती प्रिया यादव जी ने कहा कि,यदि सरकार अपने घोषणा पत्र में किए हुए वादे पर गंभीरता नहीं दिखाती तो जल्द ही समस्त संविदा कर्मचारी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी। नियमितीकरण के मामले को सरकार जानबूझकर लटकाने का प्रयास कर रही है , इससे सभी संविदा कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है ।